रोती बहुत हूं मैं, तुम मुझे गले लगा पाओगे क्या?
मायूस रहती हूं ज्यादातर, तुम मेरा सुकून बन पाओगे क्या?
इस कलयुग में जिस्म से प्यार तो सब करते हैं, तुम पहले मेरी रूह को चाहोगे क्या?
थोड़ी गुस्सैल मिजाज की हूं, तुम मेरा गुस्सा शांत कर पाओगे क्या?
मैं छोटी-छोटी बातों को दिल से लगा लेती हूं, तुम मुझे संभाल पाओगे क्या?
एक तरफा रिश्ते निभा-निभा के थक चुकी हूं, बताओ तुम मुझे आराम दे पाओगे क्या?
अदंर से बहुत टूट चुकी हूं, बताओ तुम मुझे जोड़ पाओगे क्या?
चलो अब बताओ ना तुम मेरा साथ निभा पाओगे क्या?
जारी रहेंगे 🤗
✒ शिखा 🦋💫🌼