हमसफ़र ऐसा हो, जो मेरा साथ दे, जिसका मैं साथ निभाऊ ।।
जिसे मैं समझू, जो मुझे समझे ।
जिसे मेरी जरुरत हो, जिसकी ख्वाहिशे मैं पूरी कर जाऊ ।।
जो भले ही दिखने में कम अच्छा हो ।
पर चरित्र जिसका पक्का हो ।।
"ना" लगाऊ जिसपे मैं बंदिशे, जो मेरी उड़ानो का हौसला हो ।
जिसके साथ मैं हमेशा उसकी हिम्मत बन खड़ी रहू, जो मेरी सफलता का हिस्सा हो ।।
भले ही मेरे लिए बड़ी बड़ी चीज़े ना करे ।
लेकिन जिसे मेरी छोटी छोटी खुशियों का ध्यान रहे ।।
जो मुझसे रूठे, जिसे मैं मनाऊ ।
हमसफ़र ऐसा हो, जो मेरा साथ दे, जिसका मैं साथ निभाऊ ।।
ठंडी हवाएं हो, वो हो, मैं हूं, उसका हाथ मेरे हाथों में हो ।
जिसके साथ बिना किसी डर के उसका हाथ थाम कर चलती जाऊ ।।
जो भले ही मुझे शॉपिंग पर ना ले जाए ।
लेकिन कहे "सुनो आज साथ में गोलगप्पे खाये" ।।
जो करे नादानियाँ दिल खोल कर ।
लेकिन जिस से मुझे तकलीफ हो वो चीज़े ना दोहराई जाएं ।।
हा मैं भी वादा करूंगी ।
उसकी इज्जत, हिफाजत और ध्यान दिल से रखूंगी ।।
उसकी ख़ुशी दोगुनी और दुख आधा कर जाऊ ।
हमसफ़र ऐसा हो, जो मेरा साथ दे, जिसका मैं साथ निभाऊ ।।
मैं और मेरे छोटे छोटे सपने ..... जारी रहेंगे ...
शिखा धीमान ✍️